नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपकी Hindi class के लिए “मूल शब्द”, “उपसर्ग” एवं “प्रत्यय” शब्द की अवधारणाओं को संशोधित कर रहे हैं।
हिन्दी शब्द कोष में सदैव नये शब्द जुड़ते रहते हैं। इन्हीं शब्दों को बनाने में उपसर्ग और प्रत्यय अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम आज इन दोनों को क्रमानुसार जानने का प्रयास करेंगे।
उपसर्ग–
उपसर्ग शब्द का निर्माण शब्द से पूर्व प्रयोग में आकर शब्दांश के मूल शब्द के अर्थ में विशेष बदलाव करने से होता है। यह दो शब्द ( उप+ सर्ग) के योग से बना है यथा ‘उप’ का अर्थ है पास, समक्ष तथा ‘सर्ग’ शब्द का अर्थ है रचना करना। अतः इसका अर्थ हुआ समीप आकर दूसरे नवीन अर्थ वाले शब्दों की रचना करना।
जैसे हार शब्द में उप उपसर्ग जोड़ने से एक नयें शब्द ‘उपहार’ का निर्माण हुआ। ठीक उसी प्रकार हार शब्द में ‘होन’ उपसर्ग जोड़ने पर ‘होनहार’ शब्द बना।
यहाँ प्रथम शब्द का अर्थ है- भेंट
तथा दूसरे शब्द का अर्थ है- अच्छे लक्षणों वाला
उपसर्ग किसे कहा जाता है–
सार्थक मूल शब्द के पहले जुड़कर जो शब्दांश उस शब्द के अर्थ को बदल कर एक विशेष शब्द का निर्माण कर दे, उपसर्ग कहलाता है।
उपसर्ग के भेद –
Hindi class में उपसर्गों को निम्नलिखित भागों में बाँट कर सिखाया जाता है, जो है-
१. संस्कृत उपसर्ग
२. हिन्दी के उपसर्ग
३. उर्दू अऱबी उपसर्ग
४. अंग्रेजी के उपसर्ग
|| संस्कृत के उपसर्ग ||
उपसर्ग , अर्थ , नवीन शब्द्
अति — अधिक — अत्यधिक, अतिशय
आ — तक– आगमन, आजीवन
उप– निकट — उपवन, उपहार
|| हिन्दी उपसर्ग ||
उपसर्ग , अर्थ , नवीन शब्द्
भर — पूरा– भरपूर,भरमार
नि– कमी– निडर, निर्दोष
कु– बुरा– कुकर्म, कुचक्र
|| उर्दू के उपसर्ग ||
उपसर्ग , अर्थ , नवीन शब्द्
गै़र– के बिना– गैरसरकारी
बद– बुरा– बदसलूकी, बदनाम
ऐन– ठीक– ऐनमौके
|| अरबी फ़ारसी उपसर्ग ||
उपसर्ग , अर्थ , नवीन शब्द्
कम– थोड़ा– कमअक्ल
अल– निश्चित– अलबत्ता
|| अंग्रेजी के उपसर्ग ||
उपसर्ग , अर्थ , नवीन शब्द्
फुल– पूरा– फुलपैंट
डबल– दुगना– डबल बेड
उपसर्ग के प्रभाव-
i. शब्द के अर्थ में नवीनीकरण आता है
ii. अर्थों में तकरार पैदा हो जाता है
iii. शब्द के अर्थ में कोई बदलाव नहीं आता
प्रत्यय किसे कहते हैं –
सार्थक मूल शब्द के अंत में जुड़कर जो शब्दांश उस शब्द के अर्थ को बदल कर एक विशेष शब्द का निर्माण कर दे अर्थात शब्द में नवीनता उत्पन्न कर अर्थ बदल दें ऐसे शब्द प्रत्यय शब्द कहलाते हैं।
प्रत्यय के भेद:-
कृत प्रत्यय तथा तद्धित प्रत्यय
कृत प्रत्यय – शब्द के वे अंश जो किसी क्रिया के अंत में लगकर नये शब्द बनाते हैं, वे कृत प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे:- आई- बड़ाई, खुदाई
तद्धित प्रत्यय – शब्द के वे अंश जो किसी संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण के अंत में लगकर नये शब्द बनाते हैं वे तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे:- आई- खटाई सफाई
दान- खानदान धूपदान
उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर:-
जो शब्द किसी दूसरे शब्द के पहले जुड़कर नये शब्द बनाते है उसे उपसर्ग कहते है।
उदाहरण- अभि+ मान= अभिमान
जो शब्द किसी दूसरे शब्द के अंत में जुड़कर नये शब्द बनाते है उसे प्रत्यय कहते है।
उदाहरण- लड़ा+ अका= लड़ाका
उपसर्ग तथा प्रत्यय में समानता:-
उपसर्ग तथा प्रत्यय दोनों के एक शब्दांश होतें है, पूरे शब्द नहीं।
इन दोनों का अकेले प्रयोग नहीं किया जा सकता
तथा इन दोनों के प्रयोग से ही किसी सार्थक मूल शब्द के अर्थ में अंतर लाया जा सकता है।
कोई-कोई शब्द ऐसे भी है जिनमें उपसर्ग तथा प्रत्यय दोनों के मेल से एक सार्थक मूल शब्द का निर्माण किया जाता हैं।
उदाहरण- उपसर्ग प्रत्यय मिश्रित शब्द
उपसर्ग – मूल शब्द – प्रत्यय – नवी शब्द
अ + ज्ञान + ई = अज्ञानी
सम + पूर्ण + ता = संपूर्णता
अ + समर्थ + ता = असमर्थता
स + धन्य+ वाद! आशा है उपसर्ग तथा प्रत्यय शब्द से जुड़ी जानकारी आपके काम आई होगी।
Read More