10 Lines on Zero Discrimination Day in Hindi: जो पहले से हमारे देस में एक भेदभाब को प्रथा चलती आरही है उसे बंद करने क लिए शून्य भेदभाव दिवस को मानते है। इस पोस्ट में हम आपको शून्य भेदभाव दिवस के बारे में 10 लाइन दे रहे हैं, और ये आपके लिए जरूर मदत दार होगा।
यह लेख उन छात्रों की मदद कर सकता है जो शून्य भेदभाव दिवस के बारे में जानकारी की तलाश में हैं।हमने 10 Lines on Zero Discrimination Day in Hindi क्तियों के नीचे उल्लेख किया है। यह बहुत ही सरल और याद रखने में आसान होगा।

10 Lines on Zero Discrimination Day in Hindi
- UNAIDS ने पहली बार वर्ष 2013 में शून्य भेदभाव दिवस मनाया था।
- 1 मार्च का दिन शून्य भेदभाव दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- पूरी दुनिया में लोग तरह-तरह के भेदभाव का सामना करते हैं।
- वर्ग, जातीयता और धर्म भी भेदभाव का विषय हैं।
- इस दिन को नियमित रूप से वर्ष 2014 से मनाना शुरू किया गया था।
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद अछूतों के भेदभाव पर रोक लगाता है।
- खुले सार्वजनिक भाषणों, टेलीविजन शो और चर्चाओं की व्यवस्था करके शून्य भेदभाव दिवस की प्रशंसा की जाती है।
- शून्य भेदभाव दिवस 2019 को भेदभाव करने वाले कानूनों को बदलने के लिए कार्य किया गया था।
- इसी तरह जागरूकता लड़ाई के माध्यम से मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने में भी शून्य भेदभाव दिवस मदद करता है।
- जितने दिन तक हमारा समाज में भेदभाव रहेगा तब तक हमारा देस आगे नहीं बढ़ पायेगा।

10 Lines on Zero Discrimination Day
- The UNAIDS first celebrated zero discrimination day in the year 2013.
- The day of 1st march is celebrated as zero discrimination day.
- people all around the world face different kinds of discrimination.
- class, ethnicity, and religion are also a topic of discrimination.
- this day was regally started celebrating from the year 2014.
- Indian constitution article prohibits discrimination of untouchable
- Zero Discrimination day is praised by arranging open Public speeches, television shows, and discussions.
- Zero Discrimination Day 2019 topic was acted to changes laws that discriminate.
- The day likewise assists with Forestalling violations of human rights through awareness battles.
- As long as there is discrimination in our society, till then our country will not be able to progress.

Short Essay on Zero Discrimination Day in Hindi
UNAIDS ने पहली बार वर्ष 2013 में शून्य भेदभाव दिवस मनाया था। 1 मार्च का दिन शून्य भेदभाव दिवस के रूप में मनाया जाता है। पूरी दुनिया में लोग तरह-तरह के भेदभाव का सामना करते हैं। वर्ग, जातीयता और धर्म भी भेदभाव का विषय हैं।
इस दिन को नियमित रूप से वर्ष 2014 से मनाना शुरू किया गया था। भारतीय संविधान का अनुच्छेद अछूतों के भेदभाव पर रोक लगाता है। खुले सार्वजनिक भाषणों, टेलीविजन शो और चर्चाओं की व्यवस्था करके शून्य भेदभाव दिवस की प्रशंसा की जाती है।
शून्य भेदभाव दिवस 2019 को भेदभाव करने वाले कानूनों को बदलने के लिए कार्य किया गया था। इसी तरह जागरूकता लड़ाई के माध्यम से मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने में भी शून्य भेदभाव दिवस मदद करता है। जितने दिन तक हमारा समाज में भेदभाव रहेगा तब तक हमारा देस आगे नहीं बढ़ पायेगा।
10 Lines on Zero Discrimination Day in Video
Last Word on 10 Lines on Zero Discrimination Day in Hindi
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