10 Lines on Ghanshyam Das Birla in Hindi: इस लेख में हमने घनश्याम दास बिड़ला पर 10 लाइन उपलब्ध कराई हैं। यह कक्षा 1 2 और 3 कक्षा के छात्रों के लिए है।
घनश्याम दास बिड़ला ने कपड़ा उद्यम शुरू करके उद्योगों की शुरुआत की। घनश्याम दास ने अपनी पहली कंपनी बिड़ला ब्रदर्स प्राइवेट लिमिटेड को शामिल किया। 1918 में जूट व्यापार के लिए।
वर्ष 1926 में, घनश्याम दास बिड़ला केंद्रीय विधान सभा के सदस्यों में से एक बने। बिड़ला ने कई शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना की जिनमें बिट्स शामिल हैं। यह भारत के अग्रणी शिक्षण संस्थानों में से एक है। अपने जीवन में वे महात्मा गांधी से बहुत प्रेरित थे।

10 Lines on Ghanshyam Das Birla in Hindi for Students
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- घनश्याम दास बिड़ला भारत के सबसे बड़े बिजनेसमैन में से एक थे।
- उनका जन्म 10 अप्रैल 1894 को पिलानी में हुआ था।
- उनके पिता का नाम राजा बलदेवदाद बिड़ला था।
- उनकी पहली पत्नी दुर्गा देवी की मृत्यु हो गई थी और उसके बाद उन्होंने दूसरी शादी की।
- घनश्याम दास बिड़ला के चार भाई बहन थे।
- उन्होंने शून्य से शुरुआत की और एक विशाल व्यापार एम्पीयर बनाया।
- उन्होंने अपना पहला बिजनेस 16 साल की उम्र में शुरू किया था।
- बिरला ने भारत में कई अस्पताल भी बनवाए।
- UCB (अब UCO) बैंक की स्थापना भी GD बिड़ला ने देर से की थी।
- घनश्याम दास बिड़ला का निधन 1983 को हुआ था।
10 Lines on Ghanshyam Das Birla in Hindi for Higher Class Students
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- घनश्याम दास बिड़ला ने भारत की आजादी में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- घनश्याम दास बिड़ला गांधी से बहुत प्रेरित थे और उनके बताए रास्ते पर चलते थे।
- उन्हें अपने पिता की मृत्यु के बाद व्यवसाय विरासत में मिला।
- घनश्याम दास बिड़ला ने कोलकाता में अपने करियर की शुरुआत की।
- भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1957 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
- वह मारवाड़ी माहेश्वरी समुदाय के सदस्य भी थे।
- घनश्याम दास बिड़ला राजनीति में काफी सक्रिय थे, साथ ही उन्होंने खादी आंदोलन पर भी काफी समय बिताया।
- वर्ष 1920 में घनश्याम दास बिड़ला गांधी के संपर्क में आए।
- घनश्याम दास बिड़ला ने बिड़ला मिशन और बिड़ला हवेली का निर्माण किया।
- घनश्याम दास बिड़ला ने वर्ष 1983 में अंतिम सांस ली।
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